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खाद्य तेल की कीमतों पर राहत: केंद्र सरकार ने घटाया आयात शुल्क, उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ

Relief on edible oil prices: Central government reduced import duty, consumers will get direct benefit

नई दिल्ली, 12 जून: केंद्र सरकार ने देश में बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। बुधवार को सरकार ने सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल जैसे कच्चे खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले बेसिक सीमा शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने की घोषणा की। यह निर्णय उपभोक्ताओं तक राहत पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है।

उद्योग संघों को तत्काल लाभ पहुंचाने के निर्देश
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में प्रमुख खाद्य तेल उद्योग संघों और हितधारकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आयात शुल्क में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को शीघ्रता से पहुंचाया जाए। सरकार का मानना है कि शुल्क में यह बदलाव बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने में सहायक होगा।

आयात शुल्क में अंतर से घटेगी कीमतें
नई व्यवस्था के अनुसार, आयात शुल्क का कुल अंतर 8.75 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 19.25 प्रतिशत हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे देश में खाने के तेल की खुदरा कीमतों में जल्द ही गिरावट देखने को मिलेगी। सरकार के इस निर्णय से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से रसोई के बजट में बढ़ती लागत से परेशान थे।

पिछले वर्ष की कीमतों में उछाल से ली गई सीख
सरकार ने यह कदम पिछले वर्ष खाद्य तेल की कीमतों में आई तेजी की समीक्षा के बाद उठाया है। उस दौरान आयात शुल्क में वृद्धि के चलते खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ था, जिससे उपभोक्ताओं पर महंगाई का भारी बोझ पड़ा। सरकार का मानना है कि इस बार समय रहते कदम उठाकर खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में लाया जा सकता है।

उपभोक्ताओं को मिलेगा महंगाई से राहत
खाद्य तेल रोजमर्रा की रसोई का अहम हिस्सा है और इसके दाम सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर असर डालते हैं। सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल जैसे खाद्य तेलों का उपयोग तलने, भूनने और पकाने में व्यापक रूप से होता है। सरकार के इस फैसले से रिटेल बाजार में तेल की कीमतों में जल्द ही गिरावट आने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है।

 

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