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उत्तराखंड सरकार गोल्डन और आयुष्मान कार्ड की विसंगतियां दूर करने के लिए करेगी ठोस पहल

Uttarakhand government will take concrete steps to remove discrepancies in Golden and Ayushman cards

देहरादून, 11 जून — उत्तराखंड सरकार जल्द ही गोल्डन कार्ड योजना में आ रही दिक्कतों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने जा रही है। राज्य के कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से इस योजना में इलाज के दौरान आ रही परेशानियों की शिकायत कर रहे थे, जिन्हें ध्यान में रखते हुए सरकार अब इस योजना में सुधार लाने की तैयारी कर रही है।

कर्मचारी संगठनों से लिए जाएंगे सुझाव

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि गोल्डन कार्ड योजना को अधिक व्यावहारिक और लाभकारी बनाने के लिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों से सुझाव लिए जाएंगे। इन सुझावों के आधार पर एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर राज्य कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। प्रस्ताव में प्रमुख बीमारियों के पैकेज में संशोधन के साथ-साथ प्रदेश के नामचीन अस्पतालों को योजना से जोड़े जाने की बात भी शामिल है।

पुनः जोड़े जाएंगे योजना से बाहर हुए कर्मचारी

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि जो कर्मचारी और पेंशनर्स पहले गोल्डन कार्ड योजना से बाहर हो चुके हैं, उन्हें पुनः योजना में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। इससे उन्हें दोबारा योजना के तहत इलाज की सुविधा मिल सकेगी।

आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया होगी सरल

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी घोषणा की कि आम नागरिकों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। कई जिलों में लोगों को दस्तावेज़ों की कमी के कारण कार्ड बनाने में दिक्कतें आ रही हैं। इस समस्या के समाधान हेतु अब परिवार रजिस्टर की नकल को एक वैध दस्तावेज़ मानने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होंगे योजना में शामिल

सरकार का लक्ष्य है कि गोल्डन कार्ड धारकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इसके लिए राज्य के कुछ प्रमुख सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को इस योजना में जोड़ा जाएगा ताकि कर्मचारियों को उच्चस्तरीय इलाज मिल सके।

सक्षम लोगों से आयुष्मान योजना से बाहर आने की अपील

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के आर्थिक रूप से सक्षम नागरिकों से आग्रह किया है कि वे स्वेच्छा से आयुष्मान योजना का लाभ छोड़ें, ताकि वंचित और जरूरतमंद परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संभ्रांत वर्ग के साथ बैठक कर इस विषय पर विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए हैं।

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