देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड में आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। दिल्ली के इंदिरा भवन और कांग्रेस मुख्यालय में यह बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाने पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ उत्तराखंड से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब उत्तराखंड में कभी भी पंचायत चुनावों की घोषणा हो सकती है और पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर सक्रिय किया जा रहा है।
राहुल गांधी का फोकस: अनुशासन और सामूहिक प्रयास
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने सभी नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि पार्टी को अनुशासित और सामूहिक रणनीति के तहत कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हाईकमान की ओर से दिए गए निर्देशों को सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से लागू करना होगा। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अगर पार्टी संगठन एकजुट होकर काम करता है, तो उत्तराखंड में कांग्रेस फिर से मजबूत विकल्प बन सकती है।
करन माहरा ने दिया खड़गे और राहुल को उत्तराखंड आने का निमंत्रण
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को उत्तराखंड दौरे के लिए आमंत्रित किया है, जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया है। माहरा ने बताया कि नव संकल्प शिविर में जो निर्णय लिए गए थे, उन्हें राज्य में लागू किया जा रहा है, और पार्टी को उसका फायदा भी मिल रहा है। हाल ही में हुए उपचुनावों और निकाय चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है, जो पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत और यशपाल आर्य ने रखे अपने सुझाव
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी अपनी राय रखी और हाईकमान के सामने राज्य में पार्टी की स्थिति और जनता के मुद्दों को लेकर सुझाव दिए। सभी नेताओं का फोकस पार्टी संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करने और युवा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर रहा।
रणनीतिक रूप से अहम बैठक
यह बैठक न केवल आगामी विधानसभा चुनाव बल्कि संभावित पंचायत चुनावों के दृष्टिकोण से भी बेहद अहम मानी जा रही है। समसामयिक राजनीतिक मुद्दों और जनता से जुड़े सवालों पर भी चर्चा की गई, ताकि कांग्रेस एक प्रभावी और जिम्मेदार विपक्ष के रूप में जनता के बीच अपनी छवि मजबूत कर सके।
कुल मिलाकर, दिल्ली में हुई यह बैठक कांग्रेस की आगामी रणनीति का अहम हिस्सा बन गई है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी 2027 के चुनाव को पूरी गंभीरता और तैयारी के साथ लड़ने जा रही है।