बेरीनाग (उत्तराखंड) – उत्तराखंड के पर्वतीय जिले पिथौरागढ़ में 1 मई को हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जहां एक ओर मैदानी इलाकों में गर्मी ने कहर बरपाया हुआ है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम बार-बार करवट ले रहा है। गुरुवार को बेरीनाग सहित कई इलाकों में एक घंटे तक भारी बारिश और ओले गिरे, जिससे फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
ओलावृष्टि से गेहूं की फसल चौपट
किसानों के अनुसार, इस सीजन में दूसरी बार हुई ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। बारिश और ओलों की मार ने सब्जियों को भी नुकसान पहुंचाया है। कई काश्तकारों का कहना है कि इस बार की फसल से उन्हें काफी उम्मीदें थीं, लेकिन लगातार दो बार हुई ओलावृष्टि से उन्हें भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है।
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट सटीक
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने पहले ही 1 मई के लिए पिथौरागढ़ जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया था। विभाग ने गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि और तेज हवाओं की संभावना जताई थी, जो सटीक साबित हुई। गुरुवार की शाम को बेरीनाग और आसपास के क्षेत्रों में मौसम बिगड़ा और तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई।
शादी समारोह पर भी पड़ी मौसम की मार
तेज बारिश और हवाओं के चलते चौकोड़ क्षेत्र में एक शादी समारोह के लिए लगाया गया मंडप और टेंट उड़ गए। जिससे शादी की तैयारियों में लगे परिवारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक बदले मौसम के कारण कई लोगों को खुले में फंसे रहना पड़ा।
सरकार से मुआवजे की मांग
प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष महेश पंत ने कहा कि लगातार हो रही ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पिथौरागढ़ जिले को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए और किसानों को तुरंत आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
2 मई को फिर अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने 2 मई के लिए भी पिथौरागढ़ में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आने वाले दिनों में मौसम के और खराब होने की संभावना जताई गई है।
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