नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है, जिससे जनवरी 2026 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
वित्त मंत्रालय ने जारी किया अधिसूचना
वित्त मंत्रालय द्वारा 17 अप्रैल 2025 को जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि आयोग के गठन के लिए 35 अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इन अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा, जिसकी प्रक्रिया कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के नियमों के अनुसार होगी।
फिटमेंट फैक्टर से बढ़ेगी सैलरी
8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि की संभावना है। अभी 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसे अब बढ़ाकर 2.85 किया जा सकता है। इसका सीधा असर सैलरी पर पड़ेगा। यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹50,000 है, तो यह बढ़कर ₹1,42,500 हो सकता है। साथ में 30% HRA जोड़ने पर कुल मासिक वेतन लगभग ₹1,57,500 तक पहुंच सकता है।
1.16 करोड़ से अधिक लोगों को मिलेगा लाभ
इस वेतन सुधार से 47.85 लाख कर्मचारी और 68.62 लाख पेंशनभोगी, यानी कुल मिलाकर 1.16 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में मिलाने की योजना
सरकार महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में शामिल करने पर भी विचार कर रही है। इससे वेतन ढांचे को सरल बनाया जा सकेगा और अन्य भत्तों जैसे HRA और यात्रा भत्ता (TA) पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
पेंशनभोगियों के लिए राहत की उम्मीद
नए वेतन आयोग में पेंशन में वृद्धि और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने जैसे सुधारों की भी सिफारिश की जा सकती है। इससे रिटायर्ड कर्मचारियों को वर्तमान कर्मचारियों के बराबर सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।
8वां वेतन आयोग न केवल आर्थिक लाभ देगा, बल्कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिरता और सम्मान को भी मज़बूती देगा। इसकी सिफारिशें लागू होते ही देशभर में सरकारी सेवकों के जीवन स्तर में बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है।