भारतीय शेयर बाजार 28 मार्च को उतार-चढ़ाव भरे माहौल में कारोबार कर सकता है। वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों और निवेशकों की सतर्कता के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में हल्की गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बाजार में अस्थिरता और विदेशी निवेशकों की रणनीति का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा।
सुबह के सत्र में बाजार का हाल
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत धीमी रही। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज की गई। सुबह 10 बजे तक, सेंसेक्स 0.20% की गिरावट के साथ 77,451 पर था, जबकि निफ्टी 50 लगभग 0.17% गिरकर 23,553.8 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
बाजार में यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों से जुड़ी अनिश्चितता और वैश्विक व्यापारिक तनाव के कारण आई।
आईटी और ऑटो सेक्टर पर असर
आज के सत्र में आईटी और ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित रहे।
- आईटी सेक्टर: भारतीय आईटी कंपनियां, जिनका कारोबार अमेरिका से जुड़ा हुआ है, उनमें गिरावट देखने को मिली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंफोसिस के शेयरों में क्रमशः 1.1% और 1.7% की गिरावट दर्ज की गई।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर: ऑटो इंडस्ट्री भी दबाव में रही, जिससे इस सेक्टर में 0.8% की गिरावट दर्ज हुई।
आगे की संभावनाएं
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में अगले कुछ दिनों तक अस्थिरता बनी रह सकती है। हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टिकोण से भारतीय शेयर बाजार में तेजी की संभावना बनी हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, निफ्टी 50 के वर्ष के अंत तक 25,689 और सेंसेक्स के 80,850 तक पहुंचने की उम्मीद है।
निवेशकों के लिए सलाह
- लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए अवसर: मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में गिरावट के दौरान निवेश करना लाभदायक हो सकता है।
- सतर्कता जरूरी: अमेरिकी बाजार और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर नजर रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार वैश्विक कारकों से प्रभावित है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अवसर हो सकता है। निवेशकों को सतर्क रहकर मजबूत कंपनियों में निवेश करने की सलाह दी जाती है।