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आईआईटी मद्रास विकसित कर रहा हाइपरलूप प्रणाली, 600 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ेगा माल परिवहन

IIT Madras is developing Hyperloop system, cargo transport will run at a speed of 600 km per hour

चेन्नई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास माल परिवहन के लिए एक उन्नत हाइपरलूप प्रणाली विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके संचालन को लेकर जल्द ही एक महत्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने की तैयारी चल रही है। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने ईटीवी भारत से बातचीत में इस परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

आईआईटी मद्रास ने थाईयूर परिसर में 410 मीटर लंबा परीक्षण ट्रैक स्थापित किया है, जहां हाइपरलूप के तीन अलग-अलग तरीकों का परीक्षण किया जा रहा है। यह तकनीक भविष्य में माल परिवहन को तेज, सुरक्षित और किफायती बनाने में मददगार साबित हो सकती है।

हाइपरलूप कैसे करेगा काम?

प्रोफेसर कामकोटि के अनुसार, हाइपरलूप प्रणाली को तीन अलग-अलग चरणों में विकसित किया जा रहा है:

  1. पहला मोड: इसमें एक पॉड को ट्रैक से जोड़ा गया है, जो अधिकतम 200 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकती है।
  2. दूसरा मोड: इसमें चुंबकीय उत्तोलन (मैग्लेव) तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे पॉड ट्रैक से ऊपर उठ जाती है और 400 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
  3. तीसरा और सबसे उन्नत मोड: इसमें पॉड पूरी तरह से हवा में तैरती हुई, वैक्यूम ट्यूब के माध्यम से 600 किमी प्रति घंटे की अविश्वसनीय गति से यात्रा कर सकती है।

रेल मंत्री ने किया निरीक्षण

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना का निरीक्षण किया और लेविटेशन तकनीक का प्रदर्शन भी देखा। यात्रियों के अनुभव को प्रदर्शित करने के लिए वर्चुअल रियलिटी सिमुलेशन का उपयोग किया गया था। उन्होंने इस परियोजना के लिए इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) से आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक घटकों की आपूर्ति का आश्वासन दिया है।

जुलाई में वैक्यूम तकनीक का परीक्षण

आईआईटी मद्रास की योजना है कि जुलाई में वैक्यूम वातावरण का उपयोग करके हाइपरलूप के सभी पहलुओं का प्रदर्शन किया जाए। इस परीक्षण में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से प्राप्त फीडबैक को भी शामिल किया गया है। तकनीकी परीक्षण पूरा होने के बाद, कर्व और इनक्लाइन के साथ एक नया ट्रैक बनाने की योजना पर काम चल रहा है, जिससे इस तकनीक को और बेहतर बनाया जा सके।

कार्गो परिवहन पर रहेगा प्राथमिक फोकस

आईआईटी मद्रास ने हाइपरलूप तकनीक के व्यवसायीकरण के लिए ‘टुटर हाइपरलूप’ नामक एक कंपनी की स्थापना की है। प्रारंभ में बंदरगाहों और हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए कार्गो परिवहन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अगले दो महीनों में कई व्यावसायिक समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

इस परियोजना का लक्ष्य अगले डेढ़ साल के भीतर कार्गो परिवहन के लिए हाइपरलूप प्रणाली को पूरी तरह से चालू करना है। अगर यह प्रयास सफल रहता है, तो भारत परिवहन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव की ओर बढ़ सकता है।

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