वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट, नया आयकर विधेयक लाने की घोषणा
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अपना आठवां लगातार बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने नए इनकम टैक्स बिल को पेश करने की योजना का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि नया कानून करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बनाएगा, जिससे टैक्स प्रणाली को समझना आसान होगा और कर संबंधी मुकदमेबाजी में भी कमी आएगी।
मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत, 12 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स
बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा। इसके अलावा, 12.75 लाख रुपये तक की आय वालों को भी पूरी छूट मिलेगी।
आय के अनुसार टैक्स में संभावित बचत
वित्त मंत्री ने बताया कि 24 लाख रुपये या उससे अधिक की सालाना आय वाले लोग 1.10 लाख रुपये तक की कर बचत कर सकेंगे। विभिन्न वेतन श्रेणियों के लिए कर देनदारी में होने वाली बचत इस प्रकार होगी:
सालाना आय (रुपये में) | टैक्स बचत (रुपये में) |
---|---|
13 लाख | 25,000 |
14 लाख | 30,000 |
15 लाख | 35,000 |
16 लाख | 50,000 |
17 लाख | 60,000 |
18 लाख | 70,000 |
19 लाख | 80,000 |
20 लाख | 90,000 |
21 लाख | 95,000 |
22 लाख | 1,00,000 |
23 लाख | 1,05,000 |
नए टैक्स स्लैब 2025-26
सरकार ने नए कर स्लैब में संशोधन किया है, जिससे टैक्स देनदारी की गणना को आसान बनाया जाएगा।
आय वर्ग (रुपये में) | नया टैक्स दर (%) |
---|---|
0 – 4 लाख | कोई टैक्स नहीं |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से अधिक | 30% |
विभिन्न आय पर कितना टैक्स देना होगा?
आय (रुपये में) | टैक्स देनदारी (रुपये में) |
---|---|
12 लाख | कोई टैक्स नहीं |
13 लाख | 66,300 |
15 लाख | 97,500 |
17 लाख | 1,30,000 |
22 लाख | 2,40,000 |
25 लाख | 3,19,800 |
क्या होगा नए टैक्स बिल का असर?
- मध्यम वर्ग को राहत, जिससे उनकी बचत और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
- सरल टैक्स प्रणाली, जिससे अनुपालन आसान होगा और मुकदमेबाजी में कमी आएगी।
- करदाताओं को अधिक स्पष्टता, जिससे कर योजना बनाना आसान होगा।
इस बजट से विशेष रूप से मध्यम वर्ग और वेतनभोगी करदाताओं को बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री के अनुसार, नया टैक्स कानून सरल, पारदर्शी और कम विवादास्पद होगा, जिससे करदाताओं को सुगमता से अनुपालन करने में सहायता मिलेगी।