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भोपाल में हुआ संस्कृत में क्रिकेट टूर्नामेंट, धोती-कुर्ता पहन मैदान में उतरे खिलाड़ी

Sanskrit cricket tournament held in Bhopal, players entered the field wearing dhoti-kurta

भोपाल: भारतीय क्रिकेट के एक अनोखे स्वरूप का आयोजन भोपाल में हो रहा है, जहां खिलाड़ी धोती-कुर्ता पहनकर मैदान में उतर रहे हैं और क्रिकेट की कॉमेंट्री भी संस्कृत में हो रही है। यह अनोखा टूर्नामेंट महर्षि मैत्री मैच श्रृंखला के तहत आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य संस्कृत को लोकप्रिय बनाना और बच्चों में इस प्राचीन भाषा के प्रति रुचि बढ़ाना है।

संस्कृत में हो रही है क्रिकेट की कॉमेंट्री

पारंपरिक भारतीय पहनावे में क्रिकेट खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में, संस्कृत के विद्वान और वेदपाठी खिलाड़ियों की टीमों ने भाग लिया है। मैचों की कॉमेंट्री भी संस्कृत में की जा रही है, जिससे यह क्रिकेट का अनुभव बिल्कुल अलग है।

  • फाइनल मैच 9 जनवरी को: इस रोमांचक प्रतियोगिता का फाइनल 9 जनवरी को होगा।

टीमों का उत्साह और मैच का आयोजन

इस मैच श्रृंखला में विभिन्न संस्कृत संस्थानों की टीमों ने भाग लिया।

  • 6 जनवरी को: आचार्य पाणिग्राही और श्री लक्ष्मीनारायण गुरुकुलम्, नीलकंठ एकादश और महर्षि वशिष्ठ, आवन गुरुकुलं और मां वैष्णो गुरुकुलम्, गांधी नगर और महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ के बीच मैच हुए।
  • 7 जनवरी को: गुफा मंदिर और नीरज रेवांचल एकादश, विश्वनाथ एकादश और भवभूति एकादश संस्थान, बाहुबली एकादश और महर्षि एकादश के बीच मैच खेले जाएंगे।

विजेताओं को मिलेगा आकर्षक पुरस्कार

इस टूर्नामेंट में विजेता टीम को 21 हजार रुपये का नगद पुरस्कार और उप विजेता टीम को 11 हजार रुपये मिलेंगे। साथ ही, दोनों टीमों को वेद और कर्मकांड से जुड़ी पुस्तकें भी उपहार स्वरूप दी जाएंगी।

संस्कृत में क्रिकेट शब्दावली

इस प्रतियोगिता में क्रिकेट से जुड़े सभी शब्दों को संस्कृत में अनुवादित किया गया है, जिनमें कुछ प्रमुख शब्द इस प्रकार हैं:

  • क्रिकेट – कन्दुकक्रीडा
  • बैट – बैट
  • बॉल – कन्दुकम्
  • विकेट कीपर – स्तोभरक्षकः
  • कैच आउट – गृहीतः
  • चौका – चतुष्कम्
  • सिक्स – षठकम्
  • अंपायर – निर्णायकः

संस्कृत को बढ़ावा देने का उद्देश्य

परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पंडित विष्णु राजौरिया ने बताया कि इस श्रृंखला का उद्देश्य बच्चों में संस्कृत के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ाना है। संस्कृत के माध्यम से क्रिकेट खेलने का यह तरीका दर्शाता है कि पारंपरिक खेल भी आधुनिक समय में नई तकनीकों और भाषाओं के साथ जुड़े हो सकते हैं।

यह टूर्नामेंट न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए आकर्षक है, बल्कि संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

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