चमोली जिले में भारी बर्फबारी से बदरीनाथ, औली, हेमकुंड और चोपता जैसे पर्यटन स्थलों ने सफेद बर्फ की चादर ओढ़ ली है। बदरीनाथ धाम बर्फबारी के बाद ऐसा चमक रहा है जैसे चांदी की परत से सज गया हो। ऊंचाई वाले इलाकों में करीब एक फीट से अधिक बर्फबारी हुई है, जिससे पहाड़ी सौंदर्य देखने लायक हो गया है।
बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित, ग्रामीण इलाकों में बढ़ी मुश्किलें
भारी बर्फबारी के चलते चमोली के ऊंचाई वाले गांव जैसे उर्गम, डूमक, रामनी, सुतौल और घुनी पूरी तरह बर्फ से ढक गए हैं। लोग घरों में कैद हो गए हैं, जबकि पशुओं के लिए चारा और पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट गया है।
फसलों के लिए खुशखबरी, किसानों ने जताई राहत की उम्मीद
बर्फबारी को किसानों ने गेहूं, जौं और सेब की फसल के लिए वरदान बताया है। वे मानते हैं कि इससे मिट्टी में नमी आएगी और फसल की पैदावार बेहतर होगी। हालांकि, इसके साथ ही खेती के कामों में रुकावटें भी आ रही हैं।
पर्यटन स्थलों में बढ़ी हलचल, क्रिसमस और नए साल का जश्न बन सकता है खास
औली, चोपता और जोशीमठ जैसे इलाकों में बर्फबारी से स्थानीय व्यवसायियों में उत्साह है। इन इलाकों में पर्यटक क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच सकते हैं। बर्फ से ढके पहाड़ और आकर्षक नजारे पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहे हैं।
यातायात बाधित, सड़कों पर फिसलन से बढ़ा खतरा
भारी बर्फबारी के कारण गोपेश्वर-मंडल-चोपता मोटर मार्ग और जोशीमठ-मलारी हाईवे बंद हो गए हैं। सड़कों पर बर्फ जमने से फिसलन का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने मार्ग बहाल करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
मौसम विभाग ने दी चेतावनी, ठंड और बढ़ने की संभावना
मौसम विभाग ने चमोली समेत अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक और बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है। ठंड में और इजाफा होने की उम्मीद है। निचले इलाकों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।