रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए बहुप्रतीक्षित उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के मनोज रावत को 5,622 वोटों के अंतर से हराकर सीट बरकरार रखी। इस जीत से बीजेपी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था, जिसे जीतकर पार्टी ने राहत की सांस ली। इससे पहले मंगलौर और बदरीनाथ सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था।
हर राउंड में कायम रहा बीजेपी का दबदबा
मतगणना के पहले राउंड से ही आशा नौटियाल ने बढ़त बना ली थी। पहले राउंड में ही उन्होंने कांग्रेस के मनोज रावत को पीछे छोड़ते हुए निर्दलीय त्रिभुवन सिंह को भी मात दी। हर चरण की मतगणना में उनकी बढ़त और मजबूत होती गई। आखिरी राउंड तक आशा नौटियाल ने कुल 23,814 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस के मनोज रावत को 18,192 वोट ही मिले।
निर्दलीय त्रिभुवन सिंह ने बिगाड़ा कांग्रेस का गणित
इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया। उन्होंने 9,311 वोट हासिल करते हुए कांग्रेस के मनोज रावत के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। माना जा रहा है कि त्रिभुवन सिंह को मिले वोटों की वजह से कांग्रेस की जीत की संभावनाएं ध्वस्त हो गईं।
नोटा ने भी छोड़ी छाप
दिलचस्प बात यह रही कि नोटा को 834 वोट मिले, जो यूकेडी के प्रत्याशी आशुतोष भंडारी (1,314 वोट), निर्दलीय आरपी सिंह (493 वोट), और PPI (D) के प्रदीप रोशन (483 वोट) से कुछ ही कम थे। यह दर्शाता है कि मतदाताओं का एक हिस्सा किसी भी प्रत्याशी को वोट देने के लिए तैयार नहीं था।
बीजेपी की जीत के मायने
केदारनाथ उपचुनाव को बीजेपी ने अपने लिए अहम माना था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और चार मंत्रियों ने खुद मैदान में उतरकर प्रचार किया था। इस जीत ने पार्टी का मनोबल बढ़ा दिया है और आगामी चुनावों के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया है।
आशा नौटियाल की इस जीत ने न केवल पार्टी को राहत दी है, बल्कि यह दर्शाया है कि केदारनाथ क्षेत्र में बीजेपी का जनाधार अब भी मजबूत है।